रूद्राक्ष पहनने वाले अवश्य पढें। – RUDRAKSHA WEARERS MUST READ.

प्रस्तुत लेख रूद्राक्षजाबालोपनिषद्

” मद्यं मांसं न लशुनं पलाण्डुं शिग्रुमेव च ।
श्लेष्मातकं विड्वराहम् भक्ष्यं वर्जयेन्नरः ।।
ग्रहणे विषुवे चैवमयने संक्रमेऽपि च ।
दर्शेषु पूर्णमासे च पूर्णेषु दिवसेषु च ।।

रूद्राक्ष धारण करने वालों को मद्य – मांस -लहसुन – प्याज – शिग्रु ( कुकुरमुत्ता जैसे पदार्थ ) – लिसोडा – विड्वराह – आदि अभक्ष्य पदार्थों को छोड देना चाहिए — सूर्य – चन्द्र के ग्रहण के समय में – अमावस्या – पूर्णमासी – उत्तरायण – दक्षिणायण योग — तुला – मेषादि की संक्राति के समय — दिन – रात की बराबरी के समय में रूद्राक्ष धारण किये जाने पर मनुष्य सभी पापों से शीघ्र ही छुटकारा पा लेता है ।

रूद्रस्य नयनादुत्पन्ना रूद्राक्ष इति लोके ख्यायन्ते
लोक में प्रसिद्ध है कि रूद्र की आँख से रूद्राक्ष उत्पन्न हुए हैं ।

तद्रुद्राक्षे वागिविषये कृते दशगोप्रदानेन यत्फलमवाप्नोति तत्फलमश्नुते ।
इस रूद्राक्ष का केवल नाम उच्चारण करने से जो फल दस गायों के दान से मिलता है उतना फल मिल जाता है ।

रूद्राक्षमूलं तद्ब्रह्म तन्नालं विष्णुरेव च ।
तन्मुखं रूद्र इत्याहुतदूबिन्दुः सर्वदेवताः ।।

इस रूद्राक्ष के मूल में ब्रह्मा – नाल वाले भाग में विष्णु – तथा मुख में अर्थात् उसमें पडी हुई रेखाओं में रूद्र ( शिव ) तथा उसके बिन्दुओं में सभी देवताओं का निवास स्थान है।

RUDRAKSHA WEARERS MUST READ:-

रुद्राक्ष की माला जब भी धारण करना हो तो कभी भी किसी दूसरे व्यक्ति विशेष का माला या रुद्राक्ष धारण करने से बचना चाहिए क्योंकि रुद्राक्ष का कार्य होता है, किसी के भी आभामंडल को सुरक्षा प्रदान करना नकारात्मक शक्तियों से किसी व्यक्ति विशेष की पूरी तरह से सुरक्षा प्रदान करना या उसके अंदर किसी भी प्रकार की नकारात्मक तत्वों की प्रधानता है, तो यह उसके सूक्ष्म से सूक्ष्म कोशिकाओं के संरचनाओं के ऊपर अपना प्रभाव दिखाता है, तथा हर एक शरीर के अंग में व्याप्त नकारात्मक ऊर्जा को अवशोषित कर लेता है lअपने अंदर पूरी तरह से समाहित कर लेता है, जिससे व्यक्ति के शरीर में मौजूद कई प्रकार की अशुद्धियां कई प्रकार की नकारात्मक चीजों का धीरे-धीरे निराकरण होने लगता है l

Must Read:- तीर्थराज प्रयाग में मां गंगा और कल्पवास – MA GANGA & KALPWAS

ऐसे में उस व्यक्ति विशेष के द्वारा पहना गया रुद्राक्ष, रुद्राक्ष माला  कोई और व्यक्ति धारण करता हैl तब उसकी शरीर की शक्ति संरचना में बदलाव आने लगते हैंl उसके अंदर ऐसे तत्व की प्रधानता पड़ने लगती है, जो बहुत अधिक नकारात्मक चीजों से परिपूर्ण होते हैं, क्योंकि जब भी हम किसी चीज का प्रयोग कर लेते हैं, जैसे- रत्न -जब हम रत्नों का प्रयोग कर लेते हैं, तब उसमें हमारी ऊर्जा चली जाती है, तथा रत्न के अंदर व्याप्त ऊर्जा को हमारा शरीर अवशोषित कर लेता है, इसी प्रकार जब उपयोग में लाया हुआ रुद्राक्ष, रुद्राक्ष की माला किसी और के द्वारा धारण किया जाता है।

6 thoughts on “रूद्राक्ष पहनने वाले अवश्य पढें। – RUDRAKSHA WEARERS MUST READ.

  1. naturally like your web site however you need to take a look at the spelling on several of your posts. A number of them are rife with spelling problems and I find it very bothersome to tell the truth on the other hand I will surely come again again.

  2. This is really interesting, You’re a very skilled blogger. I’ve joined your feed and look forward to seeking more of your magnificent post. Also, I’ve shared your site in my social networks!

Leave comment

Your email address will not be published. Required fields are marked with *.