पारिजात बृक्ष के बारे में आइये जानते हैं सबकुछ | KNOW MORE ABOUT PARIJAAT TREE

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के सटे जिले
बाराबंकी से लगभग 39 किमी दूर किन्तूर गाँव में स्थित इस पेड़ को देखने दूर दूर से लोग आते हैं।

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देवभूमि उत्तराखंड के मुख्य धार्मिक स्थल | UTTRAKHAND KE DHARMIK STHAL

दोस्तों आज हम बात करने जा रहे हैं देव भूमि उत्तराखंड के प्रमुख धार्मिक स्थल की | उत्तराखंड एक ऐसा प्रदेश है जहां धार्मिकता और प्राकृतिक सौन्दर्य का अद्वितीय मेल है |

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आइये जानते हैं भगवान स्वामी नारायण के बारे में | Swami Narayan Ke Baare Me

आइये जानते हैं कौन थे स्वामी नारायण कहा से आते हैं जो आगे चलकर अपनी पहचान विश्व स्तर तक बनाये क्यूँ कहा जाता है इन्हें नीलकंठ वर्णी जिनके नाम पर दुनिया का सबसे भव्य मंदिर बना

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अयोध्या दर्शन के लिए प्रमुख स्थान, कैसे आयें, कहाँ रुकें, सम्पूर्ण गाइड

अयोध्या नाम से प्रसिद्ध प्रभु श्री राम की नगरी उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले में स्थित है। और यहाँ तक पहुचना अब काफी आसान हो गया है। 

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होली क्यों मनाया जाता है। आइये जानते हैं इसके पीछे की कहानी ?

आइये जानते हैं होली त्यौहार क्यों मनाया जाता है। इस पूरे आयोजन का अर्थ क्या है। इस अवसर का वास्तविक महत्व क्या है।

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भगवान सूर्य नारायण के परिवार की जानकारी

भगवान सूर्य नारायण के पुत्र और पुत्रियाँ

भगवान सूर्य नारायण के परिवार में 6 पुत्र और 3 पुत्रीयाँ थीं।

उनके 6 पुत्रों के नाम कुछ इस प्रकार है –

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श्राद्ध की परिभाषा एवं अर्थ ? – Definition and meaning of Shraaddh

महर्षि पराशर के अनुसार देश,काल तथा पात्र में हविष्यादि विधिद्वार जो कर्म तिल(यव)और दर्भ (कुश)तथा मन्त्रो से युक्त होकर श्रद्धापूर्वक किया जाए वही श्राद्ध है।

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बच्चों को दें ये महत्वपूर्ण जानकारी क्योंकि ये कोई और नहीं बताएगा…!!

क्सर लोग खाना खाने के बाद “पानी” पी लेते है …
खाना खाने के बाद “पानी” ख़ून में मौजूद “कैन्सर “का अणु बनाने वाले ”’सैल्स”’को ”’आक्सीजन”’ पैदा करता है…

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आचार्य, गुरु, पंडित, पुरोहित और पुजारी में अंतर ?

अक्सर लोग पुजारी को पंडितजी या पुरोहित को आचार्य कह देते हैं, जो कभी-कभी उनके वास्तविक रूप के अर्थ से भिन्न हो सकते हैं। निम्नलिखित शब्दों का सही अर्थ इस प्रकार है:

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होली क्यों मनाते है – WHY CELEBRATE HOLI?

होली यह अग्नि देवता की उपासना का एक अंग है । अग्नि देवता की उपासना से व्यक्ति में तेज तत्त्व की मात्रा बढने में सहायता मिलती है । होली के दिन अग्नि देवता का तत्त्व २ प्रतिशत कार्यरत रहता है ।

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