रूद्राक्ष पहनने वाले अवश्य पढें। – RUDRAKSHA WEARERS MUST READ.
रूद्राक्ष धारण करने वालों को मद्य – मांस -लहसुन – प्याज – शिग्रु ( कुकुरमुत्ता जैसे पदार्थ ) – लिसोडा – विड्वराह – आदि अभक्ष्य पदार्थों को छोड देना चाहिए
Read Moreभगवान सूर्य नारायण के परिवार की जानकारी
भगवान सूर्य नारायण के पुत्र और पुत्रियाँ
भगवान सूर्य नारायण के परिवार में 6 पुत्र और 3 पुत्रीयाँ थीं।
उनके 6 पुत्रों के नाम कुछ इस प्रकार है –
Read Moreश्राद्ध की परिभाषा एवं अर्थ ? – Definition and meaning of Shraaddh
महर्षि पराशर के अनुसार देश,काल तथा पात्र में हविष्यादि विधिद्वार जो कर्म तिल(यव)और दर्भ (कुश)तथा मन्त्रो से युक्त होकर श्रद्धापूर्वक किया जाए वही श्राद्ध है।
Read Moreबच्चों को दें ये महत्वपूर्ण जानकारी क्योंकि ये कोई और नहीं बताएगा…!!
क्सर लोग खाना खाने के बाद “पानी” पी लेते है …
खाना खाने के बाद “पानी” ख़ून में मौजूद “कैन्सर “का अणु बनाने वाले ”’सैल्स”’को ”’आक्सीजन”’ पैदा करता है…
SMM Panel से अपना Social Media Grow कैसे करे ?
आज के समय में इंटरनेट और सोशल मीडिया करीब-करीब लोगों का जीवन बन चुका है जिस पर लोग अपना काफी समय गुजारते हैं।
Read Moreजानिए नये भारतीय संसद भवन (New Parliament Building)के बारे में ?
मौजूदा संसद भवन जो 1927 से उपयोग में है, देश की लोकतंत्रिक प्रणाली की प्रतीकता का कार्य संपादित करता है। नया संसद भवन, जिसका निर्माण शुरू किया गया है, भारत की स्वतंत्रता के नए आयाम को प्रतिष्ठित करने का उद्देश्य रखेगा।
Read Moreआचार्य, गुरु, पंडित, पुरोहित और पुजारी में अंतर ?
अक्सर लोग पुजारी को पंडितजी या पुरोहित को आचार्य कह देते हैं, जो कभी-कभी उनके वास्तविक रूप के अर्थ से भिन्न हो सकते हैं। निम्नलिखित शब्दों का सही अर्थ इस प्रकार है:
Read Moreमातृ दिवस (Mother’s Day) मनाने की परंपरा कब से शुरू हुई ?
मातृ दिवस (Mother’s Day) का इतिहास विश्वभर में विभिन्न संस्कृतियों और देशों में पाया जाता है, और यह अपने मातृ तत्व की प्रशंसा और मातृभूमि की महत्त्वाकांक्षा के लिए मनाया जाता है।
Read Moreहोली क्यों मनाते है – WHY CELEBRATE HOLI?
होली यह अग्नि देवता की उपासना का एक अंग है । अग्नि देवता की उपासना से व्यक्ति में तेज तत्त्व की मात्रा बढने में सहायता मिलती है । होली के दिन अग्नि देवता का तत्त्व २ प्रतिशत कार्यरत रहता है ।
Read Moreतीर्थराज प्रयाग में मां गंगा और कल्पवास – MA GANGA & KALPWAS
पंक्ति पावन परिवार कल्पवास एक संकल्प की यात्रा है। इस यात्रा मे त्याग , तप, जप, स्नान, दान और भक्त समागम का पुनीत अवसर मिलता है।
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