कोरोना से भ्रमित ना हों, अपने दिमाग की चौकीदारी कीजिये

कोरोना से अपने दिमाग की चौकीदारी कीजिये
अगर आपके शरीर में दर्द है। बुखार भी है। हल्की सर्दी, खराश या थोड़ा बहुत कफ भी है। सिरदर्द भी है। कमजोरी, सुस्ती, चक्कर भी आते है। तो आपको……… कोई कोरोना वोरोना नही है। आपको केवल कोरोना जैसी फिलिंग का वहम है। क्योंकि हमारा शरीर वैसे रिएक्ट करता है, जैसा हमारा मन महसूस करता है।
जैसे आसमान में बादलों को लगातार देखो तो किसी जानवर या अन्य की आकृति बन जाती है,,,,
शास्त्र भी कहता है ..
“जाकी रही भावना जैसी
प्रभु मूरत देखी तिन तैसी”
आपको हो रही ऊपर लिखी में से आधी तकलीफें कोरोना नही, बल्कि वाट्सअप, फेसबुक, टीवी पर कोरोना की खबरे सुनने-पढ़ने और अपने नेगेटिव सोच वालों से कोरोना की बात करने से हो रही है।
अफवाह फैलाने वाले और नेगेटिव बात करने वाले लोगों से दूर रहिए…..
मास्क लगाइए, सेनिटाइज कीजिये,
इम्युनिटी बढ़ाने वाली चीजें खाइए,
योग-प्राणायाम-एक्सरसाइज कीजिए,
रात को हल्दी का दूध पीजिए
सकारात्मक एक्टिविटी में खुद को व्यस्त कीजिए,
घर के बाहर के लोगों से फिजिकली डिस्टेन्स मेंटेन कीजिए, भाप ले गरम पानी सेवन कर ठंडे चीज का सेवन नही करे
याद रखिए कोरोना शरीर मे आ गया तो शायद बच सकते है, पर कोरोना दिमाग मतलब सोच में आ गया तो बर्बादी निश्चित है।
अपने दिमाग की चौकीदारी कीजिए
और सबसे बड़ी बात …. डरने-डराने वाले लोगों से दूर रहीये,,,
स्वस्थ रहे जानकार रहें
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