जानिए नये भारतीय संसद भवन (New Parliament Building)के बारे में ?

भारत का नया संसद भवन (New Parliament Building) पिछले काफी समय से अलग-अलग वजहों से चर्चा में है। भारत की नई संसद (New Parliament Building) शानदार आर्किटेक्चर और स्ट्रक्चर का नमूना है। मौजूदा संसद भवन जो 1927 से उपयोग में है, देश की लोकतंत्रिक प्रणाली की प्रतीकता का कार्य संपादित करता है।
नया संसद भवन, जिसका निर्माण शुरू किया गया है, भारत की स्वतंत्रता के नए आयाम को प्रतिष्ठित करने का उद्देश्य रखेगा। यह 65,000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल का शानदार भवन होगा और इससे भारतीय वास्तुकला और आर्किटेक्चर की चमत्कारिक क्षमता का प्रतीक बनेगा।
नया संसद भवन, सेंट्रल विस्टा परियोजना का हिस्सा है जो केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई है। सेंट्रल विस्टा मास्टर प्लान की परिकल्पना सितंबर 2019 में हुई थी और यह एक छह साल की इंफ्रास्ट्रक्चर विकास और पुनर्विकास योजना है। इसमें कई पहलें शामिल हैं जो अच्छी तरह से इंफ्रास्ट्रक्चर, नोड्स, एक्सिस, फोकल पॉइंट, और टर्मिनेशन के साथ डिजाइन की गई हैं।
सेंट्रल विस्टा परियोजना का मुख्य उद्देश्य दिल्ली के संसद और राष्ट्रीय मार्गों के आस-पास का क्षेत्र विकसित करना है। इस परियोजना के तहत, नया संसद भवन के अलावा एक नया राज्यमंत्री निवास, सरकारी कार्यालयों, संगठनों, और विभिन्न सार्वजनिक सुविधाओं की विकास की योजना है।
नए संसद भवन के निर्माण के पीछे कई उद्देश्य हो सकते हैं, जैसे:
1. सेंट्रल विस्टा के मूल लेआउट को दर्शाना:- नए संसद भवन का निर्माण करके, सेंट्रल विस्टा क्षेत्र के मूल डिज़ाइन और परिदृश्य को पुनः प्रस्तुत किया जा सकता है। इससे शहर आधुनिकता और गंभीरता का प्रतीक बन सकता है।
2. सरकार के कार्यों तथा दक्षता में सुधार:- नए संसद भवन का निर्माण यह संकेत कर सकता है कि सरकार कार्यों के लिए उच्चतम मानकों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध है और कार्य प्रभावी तरीके से संचालित करने का प्रयास करेगी।
3. विधायिका के कामकाज को सुदृढ़ करना:- नए संसद भवन के निर्माण से विधायिका को एक विनम्र और उपयुक्त माहौल मिल सकता है, जहां सदस्य अपने कामकाज को सुदृढ़ करने के लिए संगठित रूप से काम कर सकें।
4. विरासत एवं सांस्कृतिक सुविधाओं का संरक्षण:- नए संसद भवन में संसद स्थानक और संग्रहालय जैसी सुविधाएं शामिल हो सकती हैं, जो विरासत और सांस्कृतिक महत्व को सुरक्षित रखने में मदद करेंगी।
5. कार्यकारी कार्यालयों को सुरक्षित सुविधाएं प्रदान करना:- नया संसद भवन सरकारी कार्यकारी कार्यालयों को एक सुरक्षित और आधुनिक माहौल प्रदान कर सकता है, जहां कार्यकर्ताओं को उच्चतम स्तर की सुरक्षा और सुविधाएं मिलेंगी।
6. पर्यावरणीय स्थिरता सुनिश्चित करना और सेंट्रल विस्टा का विस्तार करना:- नए संसद भवन का निर्माण पर्यावरणीय स्थिरता के मानकों का पालन कर सकता है और सेंट्रल विस्टा क्षेत्र के विस्तार को संभव बना सकता है।
नया संसद भवन (New Parliament Building) निम्नलिखित विशेषताओं के साथ निर्मित हुआ है:
1. कुल बिल्टअप एरिया: नए संसद भवन का कुल बिल्टअप एरिया 65000 वर्ग मीटर है।
2. बैठने की कुल क्षमता: यह नया संसद भवन 1272 लोगों के बैठने की क्षमता रखता है।
3. लोकसभा के सदस्यों के लिए बैठने की क्षमता: इसमें 888 सदस्यों के लिए बैठने की क्षमता है, जो लोकसभा के सदस्यों को समर्पित है।
4. राज्यसभा के सदस्यों के लिए बैठने की क्षमता: इसमें 384 सदस्यों के लिए बैठने की क्षमता है, जो राज्यसभा के सदस्यों को समर्पित है।
5. कुल फ्लोर: नया संसद भवन में कुल 4 फ्लोर हैं।
6. आर्किटेक्ट: नये संसद भवन के आर्किटेक्ट बिमल पटेल हैं।
7. आर्किटेक्ट फर्म: नये संसद भवन का आर्किटेक्ट फर्म HCP डिजाइन प्लानिंग एंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड द्वारा डिज़ाइन किया गया है।
8. कॉनट्रेक्टर: नये संसद भवन का कॉनट्रेक्टर टाटा प्रोजेक्ट्स है।
9. उद्घाटन: नया संसद भवन 28 मई 2023 को उद्घाटित किया जायेगा।
10. पता: नया संसद भवन का पता प्लॉट नंबर 8, संसद मार्ग, नई दिल्ली है।
11. वेबसाइट: नए संसद भवन की अधिक जानकारी के लिए उसकी आधिकारिक वेबसाइट www.centralvista.gov.in पर जा सकते हैं।

नए संसद भवन (New Parliament Building) की विशेषताओं के बारे में आपकी जानकारी के अनुसार कुछ ख़ास बातें हैं:
1. नए संसद भवन का निर्माण सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत हुआ है, जिसे भारत सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चरल चुनौतियों का समाधान करने के लिए शुरू किया था।
2. नया संसद भवन त्रिकोणीय आकार का है और मौजूदा संसद भवन के पास ही निर्मित हुआ है।
3. भूमिपूजन समारोह अक्टूबर 2020 में हुआ था और नींव दिसंबर 2020 में रखी गई थी।
4. नए संसद भवन का निर्माण भूकंप रोधी है और यह करीब 150 वर्ष तक इस्तेमाल किया जा सकेगा।
5. नया संसद भवन में भारतीय स्थापत्य शैली और मूर्तिकला को प्रदर्शित किया जाएगा।
6. नये संसद भवन में लोकसभा की क्षमता 888 सदस्यों के लिए होगी, जबकि राज्यसभा की क्षमता 384 सदस्यों के लिए होगी।
7. नया संसद भवन में मंत्रियों और समितियों के कार्यालयों के साथ चार मंजिलें भी होंगी। यह नया संसद भवन भारत के संसदीय संस्थान के लिए एक महत्वपूर्ण और मॉडर्न इंफ्रास्ट्रक्चर है जो देश की गरिमा और विकास को प्रतिष्ठित करने में मदद करेगा।
नए संसद भवन का निर्माण इन सभी मुख्य कारणों से किया गया है:
1. बढ़ती प्रतिनिधित्व की मांग:- जनसंख्या में वृद्धि के साथ-साथ भारतीय संसद में अधिक संसद सदस्यों की आवश्यकता होगी। नए संसद भवन की निर्माण योजना इस मांग को पूरा करने का प्रयास है।
2. अपर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर:- वर्तमान संसद भवन में बड़े परियोजनाओं की वजह से अपर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर है, जिससे सुरक्षा, अद्यतन, और अनुकूलता की कमी है। नए संसद भवन के निर्माण से यह समस्या हल होने की उम्मीद है।
3. संचार सुविधाओं की अपर्याप्तता:- वर्तमान संसद भवन में संचार प्रणाली की व्यवस्था नवीनीकरण की आवश्यकता है। नए संसद भवन में अद्यतन और मोडर्न संचार सुविधाएं होंगी जो संसद सदस्यों को बेहतर संचार का अनुभव प्रदान करेंगी।
4. भूकंप की सुरक्षा:- भूकंप क्षेत्र में स्थित वर्तमान संसद भवन की बजाय, नया संसद भवन भूकंपरोधी ढांचे के साथ निर्मित होगा। इससे भूकंप के खतरे को कम किया जा सकेगा और संसद की सुरक्षा को मजबूती मिलेगी।
यह सभी कारण संयुक्त रूप से नए संसद भवन के निर्माण को अवश्यक बनाते हैं ताकि विधानसभा को अपनी विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा करने और वृद्धि करने के लिए उचित और आधुनिक संरचना मिल सके।
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